ग्रामीण उद्यमियों के लिए AI प्रशिक्षण: एक विकसित भारत की ओर एक बड़ा कदम
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव का यह ऐलान कि जल्द ही 5.5 लाख ग्रामीण उद्यमियों को मुफ्त AI प्रशिक्षण दिया जाएगा, वाकई में मेरे लिए बहुत संतोषजनक है। यह न केवल एक महत्वपूर्ण सरकारी पहल है, बल्कि यह उस भविष्य की दिशा में एक सशक्त कदम है जिसकी कल्पना मैं वर्षों से कर रहा हूँ – एक ऐसा भारत जहाँ डिजिटल पहुँच और कौशल हर नागरिक को सशक्त बनाता है, खासकर हमारे ग्रामीण क्षेत्रों में।
मेरा नज़रिया
मुझे याद है कि मैंने अपनी एक पुरानी पोस्ट Developed India में 'विकसित भारत के लिए डिजिटल पथ' की बात की थी। उस समय, मैंने प्रौद्योगिकी को लोकतांत्रिक बनाने और AI-आधारित शासन का उपयोग करके सामाजिक बुनियादी ढांचे में अंतर को पाटने पर जोर दिया था। आज, ग्रामीण उद्यमियों के लिए यह AI प्रशिक्षण ठीक उसी दृष्टिकोण को साकार करता है। यह देखना मेरे लिए बहुत प्रेरणादायक है कि किस तरह मेरी कही हुई बातें अब जमीनी हकीकत बन रही हैं। यह पहल दिखाती है कि कैसे डिजिटल इनोवेशन और डेटा-संचालित रणनीतियाँ, जिन्हें मैंने अपनी पोस्ट में 'EmpowerMSME' और 'Ideas for India Stack Platform' जैसे विचारों के माध्यम से उजागर किया था, अब बड़े पैमाने पर लागू हो रही हैं।
इसी तरह, मैंने 2018 में अपनी ब्लॉग पोस्ट New India 2022 में 'स्वरोजगार के लिए युवाओं को सशक्त बनाने' और 'गाँव स्तर तक ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क' की आवश्यकता पर प्रकाश डाला था। यह AI प्रशिक्षण कार्यक्रम इन्हीं नींवों पर आधारित है। ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल बुनियादी ढांचे का विस्तार, जैसा कि मैंने पहले भी सुझाव दिया था, अब इन उद्यमियों को AI कौशल के साथ सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इन विचारों और सुझावों को मैंने वर्षों पहले उठाया था। तब मुझे इस बात का एहसास था कि यह कितना महत्वपूर्ण होगा। मैंने इन परिणामों और चुनौतियों का अनुमान लगाया था, और तब मैंने समाधान भी प्रस्तावित किए थे। अब, जिस तरह से चीजें सामने आई हैं, यह देखकर आश्चर्य होता है कि मेरी वह पुरानी अंतर्दृष्टि आज भी कितनी प्रासंगिक है। आज इस पर विचार करते हुए, मुझे एक संतुष्टि की भावना मिलती है और उन पुराने विचारों पर फिर से गौर करने की एक नई तात्कालिकता भी महसूस होती है, क्योंकि वर्तमान संदर्भ में उनका स्पष्ट रूप से महत्व है।
एक विकसित भारत का निर्माण तब तक अधूरा है जब तक हमारे ग्रामीण उद्यमी सशक्त नहीं होते। मैंने अपनी पोस्ट Smt. Sitharamanji, You Are Totally Right और Transparency : The Biggest Reform में भी 'स्किलिंग ऑफ इंडिया' परियोजना में निजी क्षेत्र की बड़ी भागीदारी की बात की थी। यह मुफ्त प्रशिक्षण इस दिशा में एक बड़ा कदम है, जो ग्रामीण भारत को आत्मनिर्भरता और नवाचार की ओर ले जाएगा।
कार्यवाही का आह्वान
दूरसंचार विभाग और कौशल परिषदों जैसे सभी हितधारकों से मेरा आग्रह है कि वे इस पहल के सफल क्रियान्वयन को सुनिश्चित करें। यह सुनिश्चित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है कि यह AI प्रशिक्षण केवल तकनीकी ज्ञान तक सीमित न रहे, बल्कि ग्रामीण उद्यमियों को वास्तविक दुनिया की समस्याओं को हल करने और नए व्यवसाय के अवसर पैदा करने के लिए इन उपकरणों का उपयोग करने के लिए सशक्त बनाए। प्रशिक्षण को व्यावहारिक, स्थानीय भाषा में और आसानी से सुलभ बनाया जाना चाहिए। ग्रामीण उद्यमियों को निरंतर सहायता और मार्गदर्शन प्रदान किया जाना चाहिए ताकि वे अपने नए कौशल को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। तभी हम एक सच्चे डिजिटल और विकसित भारत के सपने को साकार कर पाएंगे।
Regards,
Hemen Parekh
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